12 हजार के कैमरे से बना ली 10 करोड़ रुपए की कंपनी, पढ़ें कैसे
वर्ष 2000 में जब संदीप ने कैमरा खरीदा तो परिवार का मानना था कि शायद वह वेडिंग या पासपोर्ट फोटोग्राफर बनना चाहता है। किसी को ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि 12 हजार रुपए के कैमरे के साथ एक दिन वह 10 करोड़ की कंपनी का मालिक बन जाएगा। संदीप ने साबित कर दिखाया कि 'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश कारणों वालों की हार नहीं होती।'
संदीप माहेश्वरी का नाम ऐसे लोगों की फेहरिस्त में शामिल किया जाता है जिन्होंने संघर्ष किया, असफल हुए लेकिन सफल होने की अपनी जिद छोड़ी नहीं। किसी भी मध्यम वर्ग के परिवार के युवक की तरह उसके भी कई अस्पष्ट सपने थे और जीवन के धुंधले से लक्ष्य थे जिनके साथ उसने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में बीकॉम में दाखिला लिया। इसी दौरान एल्यूमिनियम का उसका पुश्तैनी कारोबार ठप्प हो गया। इस मुश्किल घड़ी में हाथ बंटाने की जिम्मेदारी संदीप के हिस्से आना लाजमी था।
संदीप ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और पढ़ाई के साथ-साथ मल्टीलेवल मार्केटिंग से लेकर घरेलू उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग और मार्केटिंग तक जो बन पड़ा वो किया। इस वक्त संदीप को महसूस हुआ कि फॉर्मल एजुकेशन से आगे बढ़कर कुछ करना होगा। होनहार स्टूडेंट होने के बावजूद संदीप ने बीकॉम थर्ड ईयर में अपना कॉलेज छोड़ने का फैसला लिया। मॉडलिंग की दुनिया के ग्लैमर से आकर्षित होकर 19 वर्ष के संदीप ने मॉडल के रूप में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। इस काम के दौरान मॉडल्स के साथ होने वाले शोषण और उत्पीड़न को देखकर वह काफी विचलित हो गया।
उन्होंने अनगिनत स्ट्रग्लिंग मॉडल्स की मदद करने की ठानी और इसी दिशा में एक छोटा सी पहल करते हुए फोटोग्राफी का दो सप्ताह का कोर्स ज्वॉइन किया। इसी कोर्स ने उसे दिशा दिखाई और उसने अपने स्टूडियो की शुरुआत की और उसे नाम दिया मैश ऑडियो विजुअल। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए संदीप ने इस स्टूडियो को छोटे से स्तर से शुरू किया।
कायम किया वर्ल्ड रिकॉर्ड
अपने स्टूडियो में संदीप मॉडल्स के पोर्टफोलियो बनाने लगा। वह एक दिन में करीब 5 से 6 पोर्टफोलियो मैनेज कर लेता। एक दिन उसने सोचा कि क्यों न वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए। अपने इस आइडिया के साथ उसने लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से संपर्क किया। उन्होंने संदीप को कम से कम 100 लोगों के साथ 12 घंटों में 10,000 शॉट लेने का टारगेट दिया।
संदीप ने इस टारगेट को पूरा किया और लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बना ली। 2003 में यह रिकॉर्ड बनाने के बाद संदीप रातों-रात मशहूर हो गया और लाइमलाइट में गया। लेकिन इस ग्लैमर और चकाचौंध में संदीप ने अपना फोकस खोया नहीं बल्कि इसे मॉडलिंग की दुनिया में अपने करियर को और उंचाई पर ले जाने के लिए ईंधन की तरह काम में लिया। तरक्की की राह पर आगे बढ़ते हुए संदीप ने दिल्ली में 15 लोगों की टीम के साथ अपना ऑफिस स्थापित किया।
और करियर में आ ही गया टर्निंग पॉइंट
संदीप का बिजनेस बढ़ने लगा और वह जल्दी ही दिल्ली का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो मेकर बना गया। काम के दौरान संदीप को महसूस हुआ कि हिंदुस्तानी तस्वीरों को इंटरनेट पर स्टॉक नहीं किया जाता है जबकि स्टॉक फोटोग्राफी 1.5 बिलियन डॉलर की इंडस्ट्री है। इसी कमी से 26 साल के संदीप के दिमाग में स्टॉक फोटोग्राफी का आइडिया उपजा और उसने 2006 में इमेजेज बाजार को लॉन्च किया। आज इमेज बाजार 10,400 फोटोग्राफर्स की 10 लाख से भी ज्यादा फोटोग्राफ्स, वीडियो, इलस्ट्रेशन्स और 3 डी इमेजरी के साथ दुनिया में सबसे बड़ा इमेज कलेक्शन बन चुका है। यही नहीं 45 से भी देशों में 8,000 से भी ज्यादा क्लाइंट्स के साथ इमेजेज बाजार का सालाना टर्नओवर 10 करोड़ को पार कर चुका है।
अपनी प्रगतिशील सोच के बल पर यह मुकाम हासिल करने वाले संदीप बताते हैं कि उन्होंने शुरुआत एक मिशन के साथ की थी। मिशन था हिंदुस्तान की विविधता, यहां की संस्कृति, रिश्ते, त्योहारों और भावनाओं को कैप्चर करना और उन्हें दुनिया के सामने बेहद खूबसूरती के साथ प्रस्तुत करना। वे खुशी के साथ कहते हैं कि उनका यह मिशन कामयाब हुआ है और इसमें उनकी टीम ने उनका काफी साथ दिया है।
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