न्यूजपेपर बेचने वाला खुद न्यूजपेपर की हेडलाइन बन जाए, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन ऐसा हुआ है। ये वो चुनिंदा लोग हैं, जो कभी न्यूजपेपर बांटते थे, तो कभी पिज्जा डिलिवरी का काम किया। लेकिन, आज सफलता इनके कदम चूमती है। कभी अपने पैसे तो कभी अपनी कंपनी को लेकर ये लोग अक्सर अखबारों की सुर्खियों में रहते हैं। इन लोगों की नौकरी की शुरुआत भले ही छोटी थी, लेकिन जुनून, लगन और मेहनत ने आज इन्हें सातवें आसमान में पहुंचा दिया।
मनी भास्कर ऐसे ही कुछ चुनिंदा लोगों की जिंदगी से जुड़ी वो बात बता रहा है, जो हैं तो अरबों रुपए के मालिक, लेकिन इन्होंने अपना करियर छोटे कामों से शुरू किया था।
Amazon.com सीईओ जेफ बिजोस
Amazon.com आज दुनिया की प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक है। इसके सीईओ जेफ बिजोस हैं। जेफ के लिए कहा जाता है कि जब वो टीन ऐज में थे तब सबसे पहली नौकरी उन्हें मैकडॉनल्ड में ग्रिल मैन के रूप में मिली थी। तब जैफ के पिता भी मैकडॉनल्ड में काम किया करते थे। बाद में उन्होंने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के साथ बच्चों का समर कैंप लगाने का काम शुरु किया, जिसके लिए वह एक बच्चे की फीस 600 डॉलर चार्ज करते थे। हालांकि, उनके समर कैंप में सिर्फ 6 बच्चों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया। पोस्ट ग्रैजुएशन करने के बाद जेफ ने एक स्टार्टअप कपंनी में नौकरी मिली, लेकिन ज्यादा दिन उन्होंने नौकरी नहीं की। अपने बिजनेस माइंड सेट और स्किल्स की मदद से 1994 में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की स्थापना की।
माइकल डेल
डेल दुनिया की प्रमुख कम्प्यूटर निर्माता कंपनी है। डेल के फाउंडर एंड सीईओ माइकल डेल का करियर एक चाइनीज रेस्त्रां में प्लेट धोने से शुरू हुआ था। उस वक्त वे महज 12 साल के थे। उसके बाद उन्हें वहीं पर पानी सर्व करने की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद उन्होंने 15 साल की उम्र में अपनी कमाई से एप्पल का कम्प्यूटर खरीदा, सिर्फ ये देखने के लिए के लिए कि हाईटेक कम्प्यूटर काम कैसे करता है। 1984 में उन्होंने डेल कंपनी को पीसी लिमिटेड के नाम से रजिस्टर कराया।
वारेन बफे
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शूमार वारेन बफे को इनवेस्टेमेंट मैन कहा जाता है। उनके लिए चर्चित है कि वो जहां भी पैसा लगाते हैं मुनाफा होता है। लोग उनसे इनवेस्टमेंट टिप्स लेते हैं, लेकिन वारेन बफे भी बचपन में न्यूज पेपर बेचने का काम करते थे। महज 13 साल की उम्र में वे घर-घर जाकर न्यूज पेपर डालते थे। आज वो अरबों रुपए का मालिक हैं। उन्होंने फोर्ब्स को दिए एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था। उनके मुताबिक, इनवेस्टमेंट के लिए खुद का पैसा होना जरूरी था, इसलिए वो पार्ट टाइम ये काम किया करते थे।
माइकल ब्लूमबर्ग
माइकल ब्लूमबर्ग ग्लोबल फाइनेंशियल डाटा प्रोवाइडर और मीडिया कंपनी के फाउंडर और सीईओ हैं। उन्होंने 1973 में इसकी स्थापना की थी। उस वक्त कंपनी सिर्फ इक्विटी ट्रेडिंग का काम करती थी। माइकल का नाम हाल ही में चर्चा में आया था, जब उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में साझेदारी का एलान किया था। दुनिया के अरबपतियों में शुमार माइकल ब्लूमबर्ग के बचपन की कहानी भी दिलचस्प है। माइकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान पार्किंग अटेंडेंट का काम भी करते थे।
चार्ल्स श्वाब
चार्ल्स श्वाब आज दुनिया के दौलमंदों में शुमार हैं। बचपन वे अचार और अखरोट बेचा करते थे। धीरे धीरे उन्होंने चिकन और अंडे बेचना भी शुरू कर दिया था। 14 साल की उम्र में उन्हें गोल्फ कोर्स में बतौर केडी काम मिल गया। आज वह दुनिया की मशहूर फाइनेंशियल सर्विस कंपनी वॉल्ट बेटिंगर के सीईओ हैं। उन्होंने ये जिम्मेदारी 2008 में संभाली थी।
एप्पल सीईओ टिम कुक
स्टीव जॉब्स के बाद टिम कुक को 1998 में एप्पल का सीईओ नियुक्त किया गया। हालांकि, कुछ लोगों को छोड़कर इससे पहले टिम कुक को ज्यादा लोग नहीं जानते थे। टिम कुक भी अपने खर्चा चलाने के लिए बचपन में न्यूजपेपर बांटते थे। एप्पल से जुड़ने से पहले टिम कुक अलबामा स्थित पेपर मिल में काम किया करते थे।
थॉमस बून पिकंस
दिग्गज अमेरिकी कारोबारी थॉमस बून यानी टी बून की गिनती भी दुनिया के चुनिंदा रईसों में होती है। वह अपनी बीपी कैपिटल मैनेजमेंट फंड कंपनी चलाते हैं। 1981 में उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की थी। बता दें कि टी बून 12 साल की उम्र में पेपर बांटने जाया करते थे। बून ने कुछ समय तक बतौर ऑपरेटर भी काम किया है।
http://money.bhaskar.com/news-hf/MON-INDU-ECOM-the-first-odds-jobs-of-the-billionaires-latest-news-5014210-PHO.html
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